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भारतीय कृषि का इतिहास | The History of Agriculture

 कृषि का इतिहास (The History of Agriculture)

भारतीय कृषि का इतिहास विभिन्न कालों में विभिन्न परिवर्तनों से गुजरता रहा है। 

कृषि / Krish शब्द संस्कृत भाषा के कृष् धातु से बना है। कृष का अर्थ जोतना/खींचना होता है।

नोट- शब्द के अंत में Culture / Cultura लगा हो तो वह शब्द लैटिन भाषा का होता है। (अपवाद- लाखकल्चर -> यह शब्द संस्कृत भाषा के लख् से बना है।)

 

भारतीय कृषि का इतिहास | The History of Agriculture


प्राचीन भारतीय कृषि

भारतीय कृषि का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 2500 ई.पू.) से शुरू होता है। इस समय खेतों में गेहूं, जौ, तंबाकू, कपास जैसी फसलों की खेती की जाती थी। सिंचाई प्रणालियाँ और कृषि उपकरणों का प्रयोग भी देखा गया था।

वैदिक काल में कृषि

वेदों में कृषि से संबंधित कई श्लोक मिलते हैं, जिनसे यह पता चलता है कि इस समय कृषि कार्यों को धार्मिक दृष्टिकोण से जोड़ा गया था। कृषि देवताओं की पूजा की जाती थी, और खेतों की उर्वरता बढ़ाने के लिए विभिन्न अनुष्ठान किए जाते थे।

देश में प्राचीन व पौराणिक ग्रंथों से कृषि संबंधी विभिन्न जीनकारी प्राप्त होती है -

➡ऋग्वेद - ऋग्वेद से पर्यावरण/वानिकी तथा कृषि यंत्र की जानकारी प्राप्त होती है।

➡अथर्ववेद - अथर्ववेद में पादप सुरक्षा की जानकारी प्राप्त होती है 

वराहमिहिर द्वारा लिखित "वृहद संहिता" से मौसम पूर्वानुमान, फसल चक्र व फसल वर्गीकरण तथा कृषि उपकरणों की जानकारी प्राप्त होती है। पौराणिक ग्रंथों में गेंहू को कनक, धान को अक्षत, कपास की सूत, गन्ने को ईख व नारियल को श्रीफल तथा केला को कदली नाम से जाना गया है।

मौर्य काल में कृषि सुधार

मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल में कृषि तकनीकियों में सुधार हुआ। सिंचाई प्रणालियों और भूमि उपयोग के बेहतर तरीकों को अपनाया गया। कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर योजनाएँ बनाई गईं।

मुग़ल काल में कृषि प्रबंधन 

मुग़ल काल में विशेषकर जलवायु और जल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार किया गया। ज़मीन के माप और बंटवारे का एक व्यवस्थित तरीका स्थापित किया गया, जिससे कृषि में स्थिरता आई।

ब्रिटिश काल और कृषि पर प्रभाव

अंग्रेज़ों के शासनकाल में कृषि को मुख्य रूप से निर्यातोन्मुखी बना दिया गया। इस समय कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ा, लेकिन भारतीय किसानों को जमींदारी प्रथा और उच्च करों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

हरित क्रांति (1960-70) का आगमन

हरित क्रांति के दौरान नए कृषि बीज, रासायनिक उर्वरक और आधुनिक सिंचाई तकनीकों का उपयोग बढ़ा। इसके परिणामस्वरूप उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई और खाद्य सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

मूल्य संवर्धन और कृषि विपणन

नवीन कृषि उत्पादों के विपणन और मूल्य संवर्धन की दिशा में कई सुधार किए गए। किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके, इसके लिए सहकारी समितियाँ और सरकारी समर्थन योजनाएँ बनाई गईं।

आधुनिक चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा

आज के समय में भारतीय कृषि जलवायु परिवर्तन, जल संकट और भूमि प्रदूषण जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। किसानों के लिए तकनीकी हस्तक्षेप, शहरी कृषि, और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से स्थिरता बनाए रखना आवश्यक है।

भारतीय कृषि इतिहास के प्रमुख पहलुओं को उजागर करती हैं और यह दर्शाती हैं कि कैसे कृषि समय के साथ विकसित हुई है।

*कृषि का जनक - नारमन ई बोरलाग
*भारत में कृषि का जनक - एम एस स्वामीनाथन 
* लार्ड कर्जन ने भारत में कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार हेतु कार्य किया।

आधुनिक मानव (होमो सेपियंस) की उत्पत्ति आदिमानव (होमो इरेक्टस) मानी जाती है जिसके प्रमाण अफ्रीका से मिलते हैं यह जानकारी आज से 1.5 मिलियन वर्ष पूर्व मिलती है।

कृषि का विकास

कृषि का विकास तीन चरणों में पूर्ण होता है-

1. पशुचारण
2. पशुपालन 
3. फसल उत्पादन

कृषि का इतिहास 10,000 BC पूर्व का माना जाता है कृषि तीन चरणों में विकसित होती है।

1. प्रथम चरण (पशुचारण) - शुरूआत में पशु खुले में जंगल में चरते थे।

2. दूसरा चरण (पशुपालन) - मनुष्य ने (होमो इरेक्टस) स्वयं को जंगली जानवरों के आक्रमण से बचाने के लिए पशुओं अपने आवास पर पशुओं को पालने लगा।

3. तृतीय चरण (कृषि/खेती की शुरुआत) मनुष्य अब पशु को चारा खिलाने के लिए आवास के आस पास घास‌ उगाना शुरू किया ।

प्रश्न - कृषि के विकास का सही चरण क्या है?
A. पशुपालन, पशुचारण, कृषि 
B. खेती, पशुपालन, पशुचारण 
C. पशुचारण, पशुपालन, कृषि 
D. A व B दोनों 
सही उत्तर - C ✅

*कृषि के साथ साथ खरपतवारों की शुरुआत भी 10000 BC पूर्व हुआ।

--> खेती करने के प्रमुख उद्देश्य '5' F की प्राप्ति 
  1. FOOD
  2. FEED
  3. FOODER
  4. FUEL
  5. FIBRE

"कृषि/खेती करने का मूलभूत उद्देश्य रोटी, कपड़ा व मकान जैसी जरूरते पूरा करना "

कृषि के प्राचीन इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं-


वर्ष पहले घटना
40 मिलियन बंदर और वानरों का विकास 
8700 BC भेंड़ पालन शुरू
7700 BC बकरी पालन
6000 BC  मवेशी (गाय) एवं सुअरों का पालन
7500 BC गेहूं और जौ की खेती प्रारंभ 
4400 BC मक्का की खेती
3400 BC पहिए का आविष्कार
2900 BC  हल का आविष्कार
2700 BC चीन में रेशम कीट पालन शुरू
2200 BC चावल की खेती शुरू
1800 BC रागी (Finger Millet) की खेती
1500 BC गन्ने की खेती 


आधुनिक कृषि का इतिहास 


वर्ष  घटना
1871 राजस्व कृषि और वाणिज्य का संयुक्त विभाग (DRAC) स्थापित किया गया
1874 बिहार में भयंकर अकाल की घटना
1875 भारतीय मौसम विभाग (IMD) का मुख्यालय सर्वप्रथम 1875 में कोलकाता में स्थापित किया गया।
1899-1900 गंभीर छप्पनिंया अकाल पड़ा
1901 प्रथम सिंचाई आयोग का गठन
1905 पूसा (बिहार) में इंपीरियल (अब भारतीय) कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की स्थापना
1920 एफ एल ब्रेन द्वारा गुड़गांव परियोजना शुरू
1921
  • स्पेंसर हस द्वारा मर्थांदम प्रोजेक्ट शुरू 
  • महात्मा गांधी द्वारा सेवाग्राम प्रोजेक्ट शुरू
  • श्रीनिकेतन प्रोजेक्ट आर.एन. टैगोर द्वारा शरू
  • भारत में पहली फसल कमेटी भारतीय केंद्रीय कपास समिति (ICCC) का गठन
1929  कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की स्थापना नई दिल्ली में।
 1942 अधिक खाद्य उगाओ Grow More Good), (1947 में पुनः चालू)
1945
  •  इंडियन विलेज सर्विस (IVS) की स्थापना 
  • भारतीय केंद्रीय नारियल समिति का गठन 
  • भारतीय केंद्रीय तंबाकू समिति का गठन

1960  भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की पंतनगर में स्थापना।

प्रश्न- निम्न कथनों पर विचार करें तथा सही विकल्प का चयन करें -
A. फसलों में रोग व कीट की जानकारी अथर्ववेद से मिलती है।
B. मक्का व अमरूद की फसल को पुर्तगालियों द्वारा 16 वीं शताब्दी में लाया गया 
C. कृषि यत्रों की जानकारी ऋग्वेद व वृहद संहिता से मिलती है।
D. मौसमी पूर्वानुमान संबंधी जानकारी वृहदसहिता से मिलती है
E. उपरोक्त सभी कथन सही हैं।

उपयुक्त दिए गए प्रश्न को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा सही उत्तर नीचे कमेंट बॉक्स में बतायें।

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